Friday, 5 January 2018

जमुई👉भाकपा-माले का अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू।

जमुई से अमित कुमार सविता की रिपोर्ट।

👉उजाड़े गए वनवासी ग्रामीणों ने जमीन की मांग को लेकर भाकपा माले के साथ अनिश्चितकालीन धरना दिया।

जमुई।।जिले के बरहट थाना क्षेत्र के कुमरतरी,गुरमाहा गाँव निवासी 50 परिवार अपने छीटे-छोटे मासूम बच्चे को ले कर आवास के लिए दर-दर की ठोकरें खाने के बाद,और प्रशाशन के द्वारा झूठआश्वासन देने के बाद सभी ग्रामीणों ने भाकपा माले के साथ मिलकर जिला प्रशाशन के विरोध में अनिश्चितकालीन धरना दिया।
        


   धरना पर बैठे गुरमाहा,कुमरतरी के ग्रामीणों ने प्रशाशन से रहने के लिए आवास देने की मांग की और जब तक सभी ग्रामीणों को आवास नहीं मिलता तब तक हमलोग धरना पर बैठे रहेंगे।वनविभाग और प्रशाशन की अमानवीय रवैया से नाखुश ग्रामीणों ने बताया कि डीएम के द्वारा आवास के लिए जमीन मुहैया करवाने का वादा कर भूल गए थे जिससे हम सभी ग्रामीणों ने 2महीने भटकने,व इधर-उधर की ठोकरें खाने के बाद पतनेश्वर पहाड़ पर लगे झाड़ियों को साफ कर लकड़ी और पूआल से छोटा-छोटा कुटिया बना कर रह रहे थे, लेकिन इसकी भनक वनविभाग को लगी और प्रशाशन के द्वारा इतनी ठंड में भी सभी की झोपड़ी को बेरहमी से उजाड़ दिया गया और दो दिन तक सभी ग्रामीण को खुले आसमान के नीचे रात बिताने पर मजबूर किया गया,फिर प्रशाशन ने उसी बरहट के स्कूल में भेज दिया जहाँ से पहले वे लोग आए थे।

वहीं भाकपा माले के जिला सचिव शंभुशरण सिंह ने पीड़ित ग्रामीणों का साथ देते हुए बताया कि बरहट प्रखंड के गुरमाहा,कुमरतरी गाँव के सैकड़ों लोग जुलाई महीने नक्सली ने तीन व्यक्ति की हत्या कर दी थी,उसी समय से डरे ग्रामीणों ने गाँव छोड़ कर बरहट  विद्यालय में शरण लिया था जहाँ प्रशाशन के द्वारा राशन पानी भी दिया जाता था।और कहा गया था कि सभी लोगों को जमीन देकर देवाचक गाँव के बगल जंगल किनारे बसाया जाएगा जिससे ग्रामीणों ने कहा कि फिर जंगल किनारे नक्सली उसी घटना को दोहराएगी,
इसलिए जंगल किनारे छोड़ सभी को गाँव मे बसाया जाए।लेकिन प्रशाशन ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया।जिस वजह से भाकपा माले भी प्रशाशन के खिलाफ ग्रामीणों के साथ अनिश्चितकालीन धरना पर बैठने का निर्णय लिया।जब तक गरीब बेसहारे ग्रामीणों को जमीन मुहैया नहीं होगी तब तक धरना प्रदर्शन करते रहेंगे।
वहीं धरना पर बैठे भकपामाले के जिला सचिव शंभुशरण सिंह,वासुदेव राय,मो.हैदर,ब्रम्हदेव ठाकुर,भीम मांझी,मदन कोड़ा,भोला कोड़ा, वीरेंद्र राय, आशा देवी,सेम्फुला देवी सहित सैकड़ों की संख्यां में ग्रामीण व छोटे-छोटे बच्चे और महिलाएँ मौजूद थीं।

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